मेरा साईं नाथ नहीं आया

प्रभु की भक्ति में लीन और हर वक्त उनकी तलाश में रहते हुए युवा रचनाकार और शिक्षक असित की आस..

पल-पल खोजा
दर-दर ढूंढा
थक कर मैं हारा
मेरा साईं नाथ नहीं आया.

तू गोविंद मेरा, तू मेरा साईं
तू माता-पिता,
तू मेरा भाई, दूसरा न कोई
मेरा साईं नाथ नहीं आया.

मेरा साईं नाथ नहीं आया
ईश्वर तुम्हें खोज रहा हूं. आप कहां हो? एक बार आपके दर्शन की आस है.

तेरी प्रतीक्षा में
कब से हैं खड़े तेरे दर्शन को
पर तूने दर्शन न दिया
मेरा साईं नाथ नहीं आया.

माफ़ कर मुझको
साथ न छोड़ मेरा
मुझे क्यों तरसाया
मेरा साईं नाथ नहीं आया.

-असित समदर.


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