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हिंदी का यह उत्सव 28 जून से इंगलैंड के कई शहरों में आयोजित हुआ. |
हिंदी महोत्सव 2018 का समापन लन्दन के स्लोह में हुआ। समापन सत्र के मुख्य अतिथि लन्दन के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने अगले हिन्दी महोत्सव को ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमन में आयोजित करने का निमन्त्रण दिया।
शिक्षा और साधन सत्र में ब्रिटेन के हिन्दी विद्यार्थियों ने हिन्दी की अनेक सुविधाओं की कमियों को रेखांकित किया। हिन्दी शिक्षकों ने उन पुस्तकों का अभाव बताया जो यहाँ के हिन्दी शिक्षण और विद्यार्थियों के हिसाब से उपलब्ध नहीं हैं।
यू.के. हिन्दी समिति की अध्यक्ष सुरेखा चौफ्ला ने कहा कि उनकी टीम ने बड़े परिश्रम और अनुभव से इंग्लैण्ड के हिन्दी विद्यार्थियों के लिए सामग्री तैयार की है जिसका अनेक हिन्दी के शिक्षक लन्दन में प्रयोग कर रहे हैं। वाणी प्रकाशन के प्रबन्ध निदेशक और वाणी फाउंडेशन के अध्यक्ष अरुण माहेश्वरी ने हिन्दी समिति की इस पुस्तक को प्रकाशित करने को कहा जिसका सभी प्रतिनिधियों ने ज़ोरदार तालियों से स्वागत किया।
सत्र का संचालन सीमा वेदी तथा अध्यक्षता जय वर्मा ने की।

सत्र समापन के बाद कवि सम्मेलन आयोजित हुआ जिसने क़रीब 50 से अधिक प्रवासी और विदेशी हिन्दी छात्रों ने अपनी लिखी कविताओं का पाठ किया।
कार्यक्रम में दिव्या माथुर की पुस्तक ‘सिया-सिया’ का विमोचन भी हुआ।
भारतीय उच्चायोग के हिन्दी और संस्कृति अधिकारी तरुण कुमार ने मॉरिशस में होने वाले ग्यारहवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन के विषय में विस्तार से बताते हुए सम्मेलन का प्रचार किया।
कार्यक्रम के अंत में हिन्दी महोत्सव के संयोजक डॉ. पद्मेश गुप्त ने पूरे उत्सव की अभूतपूर्व सफलता का विश्लेषण करते हुए निम्न प्रस्ताव रखे :
1. हिन्दी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए इन्टरनेट पर अन्तर्राष्ट्रीय फ़ोरम की स्थापना।
2. प्रवासी लेखन को भारत में हिन्दी साहित्य की मूलधारा से जोड़ने के लिए नये कार्यक्रमों की योजनाओं पर विचार और प्रवासी लेखकों की रचनाओं को प्रकाशन में सहयोग की व्यवस्था।
3. हिन्दी सिनेमा के चर्चित सितारों के साथ हिन्दी विद्यार्थियों की बातचीत का अवसर।
4. इन्टरनेट के क्षेत्र में हिन्दी शिक्षण की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भारत में हिन्दी भाषा में कार्य कर रहे इंटरनेट एक्सपर्टस और इंगलैण्ड के हिन्दी विद्यार्थियों और शिक्षकों की संयुक्त समिति का गठन।
5. ऑनलाइन हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता की स्थापना।
साथ ही बारहवें विश्व हिन्दी सम्मेलन को लन्दन में करवाने का प्रस्ताव भी शामिल है।
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