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'कीलें' पर फ़िल्म भी बनी है। यह एक अनूठा कहानी-संग्रह है. |
एस.आर. हरनोट की कहानियाँ अपने समय का विशेष रेखांकन हैं जिन्हें सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के सन्दर्भ में देखने पर नये अर्थ खुलते हैं। उनका यह कहानी संग्रह इक्कीसवीं सदी के उजास और अँधेरे की कहानियों का अनुठा संग्रह है।
वाणी प्रकाशन के प्रबन्ध निदेशक अरुण माहेश्वरी एस.आर.हरनोट के बारे में कहते हैं कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश में हिन्दी भाषा के लिए बहुत कार्य किये। इस अवसर पर हरनोट ने चार कहानियों (भागा देवी का चाय घर, फ्राई किलर, कीलें, पत्थर का खेल) का सार अपने वक्तव्य में सुनाया।
'कीलें' पर फ़िल्म भी बनी है। हरनोट ने कहा कि देव संस्कृति पर एक मन्दिर की बात की जाती है।'कीलें' एक अनूठा संग्रह है।
कुसुम खेमानी की पुस्तक ‘गाथा रामभतेरी' वैश्यायों की कहानी है। वे किस तरह अपना जीवन—यापन करती हैं, यह इसमें बताया गया है।
~समय पत्रिका.