'सुरों का चेहरा शब्दों में उतारना आसान नहीं' – यतीन्द्र मिश्र

यतीन्द्र मिश्र
यतीन्द्र मिश्र के चार कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं.
विश्व पुस्तक मेले में वाणी प्रकाशन के स्टॉल पर हिन्दी कवि, सम्पादक और संगीत अध्येता यतीन्द्र मिश्र की हाल ही में आने वाली पुस्तक ‘अख़्तरी : सोज़ और साज़ का अफ़साना’ पर चर्चा का आयोजन हुआ।

यतीन्द्र जी कहते हैं -'सुरों का चेहरा शब्दों में उतारना आसान नहीं। मैंने लता जी, गिरिजा जी, बेगम अख़्तर और उस्ताद बिस्मिल्ला खां में मनुष्यत्व, गन्धर्वत्व और देवत्व के दर्शन किये जो उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की विलक्षण बात है।'

‘अख़्तरी : सोज़ और साज़ का अफ़साना’ किताब बेगम अख़्तर पर लिखी गयी है।

यतीन्द्र मिश्र के चार कविता-संग्रह : 'यदा-कदा', 'ड्योढ़ी पर आलाप', 'विभास' और 'अयोध्या तथा अन्य कविताएँ' प्रकाशित हो चुके हैं।

~समय पत्रिका.