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रॉय कहती हैं कि हमें राजनीतिक विकास और गांधी का प्रभाव, दोनों का ही परीक्षण करना होगा. |
वर्तमान भारत में असमानता को समझने और उससे निपटने के लिए, अरुंधति रॉय ज़ोर दे कर कहती हैं कि हमें राजनीतिक विकास और एम.के. गांधी का प्रभाव, दोनों का ही परीक्षण करना होगा। सोचना होगा कि क्यों बी.आर. आंबेडकर द्वारा गांधी की लगभग दैवीय छवि को दी गई प्रबुद्ध चुनौती को भारत के कुलीन वर्ग द्वारा दबा दिया गया।
रॉय के विश्लेषण में हम देखते हैं कि न्याय के लिए आंबेडकर की लड़ाई, जाति को सुदृढ़ करने वाली नीतियों के पक्ष में, व्यवस्थित रूप से दरकिनार कर दी गई, जिसका परिणाम है वर्तमान भारतीय राष्ट्र जो आज ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र है, विश्वस्तर पर शक्तिशाली है, लेकिन आज भी जो जाति व्यवस्था में आकंठ डूबा है।
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कार्यक्रम :
वक्ता - उर्मिलेश उर्मिल, दिलीप मंडल, राजेन्द्र पाल गौतम, अनीता भारती, मनीषा बांगर, सुनील सरदार, अनिल यादव 'जयहिंद'
संचालन - रतन लाल
दिनांक - 5 अप्रैल,2019, शुक्रवार
समय - दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक
स्थान : मावलंकर हॉल, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया, रफ़ी मार्ग, नई दिल्ली