दरियागंज की किताबी शाम 5 : हिन्दी, मैथिली और अंग्रेज़ी में हुई परिचर्चा

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'कटिहार टू कैनेडी' में बिहार के कटिहार से हार्वर्ड कैनेडी तक का सफ़र है
वाणी प्रकाशन द्वारा विचार श्रृंखला 'दरियागंज की किताबी शाम' की पाँचवीं कड़ी का आयोजन किया गया। इस बार परिचर्चा का विषय था –'कटिहार से केनेडी : राह जिसके मुसाफ़िर कम थे'। इस विषय पर डॉ. संजय कुमार से काजल कर्ण का संवाद हुआ।

डॉ. संजय कुमार ने कहा है कि किताब को लिखने का मुख्य कारण बच्चों को प्रेरित करना है। कम संसाधनों में भी अच्छी शिक्षा मिल सकती है –इस पुस्तक में यही सन्देश है। लेखक की यात्रा बिहार के ‘कटिहार’ ज़िले से शुरू होती है और हार्वर्ड कैनेडी स्कूल तक का सफ़र पुस्तक में दर्शाया है।

संजय कुमार ने आगे कहा कि वह महादलितों के साथ कार्य करते रहे हैं और उन्हें संगठित कर स्वावलम्बी बनाने की भी कोशिश की। लेकिन करप्शन की वजह से सफल नहीं हुए। लेखक ने म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन पर भी कटाक्ष किया है जिसमें हर प्रकार का करप्शन है। बिहार की शिक्षा व्यवस्था वेंटिलेटर पर है। कटिहार स्कूल से हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के सफ़र के बाद संजय कुमार ने बिहार की सरकारी व्यवस्था को सुधारने के लिए नयी योजना शुरू की है, इसी कड़ी में ‘शिक्षा यात्रा’ भी शुरू होने जा रही है।

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'कटिहार से केनेडी' के लेखक ने शिक्षा को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाने के अपने प्रयासों के बारे में जानकारी दी और इस किताब का उद्देश्य बताया जो कि हाशिए पर पड़े लोगों के जीवन में बदलाव लाना है। अपनी मिट्टी से जो जज़्बा उन्होंने पाया, उसे वही प्रतिदान देना है। शिक्षा का उजाला और उसकी अहमियत हर बच्चे के जीवन तक पहुँचे यही इस किताब का उद्देश्य है।

संजय कुमार वर्तमान में द लक्ष्मी मित्तल एंड फ़ैमिली साउथ एशियन इंस्टीट्यूट, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय निदेशक हैं। कटिहार के डॉ. संजय कुमार को अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने मास्टर इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पीजी पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद मैसन फैलो उपाधि से सम्मानित किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में पीजी एवं जेएनयू से एमफिल एवं पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। सेवा भारत संस्था से जुड़ कर उन्होंने असंगठित क्षेत्र की महिला श्रमिकों के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों में कई काम किये। राष्ट्रीय अख़बारों में वह निरन्तर सामाजिक मुद्दों पर लिखते रहते हैं।

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वाणी प्रकाशन के अंग्रेजी उपक्रम वाणी बुक कम्पनी ने डॉ. संजय कुमार की पुस्तक 'कटिहार टू कैनेडी' प्रकाशित की है। वाणी बुक कम्पनी ने अब तक चार महत्वपूर्ण कृतियाँ प्रकाशित की हैं जिनमें नरेन्द्र कोहली की नौ खण्डों की गाथा-महासमर से ‘अधिकार’ का अंग्रेज़ी अनुवाद 'द रिर्टन' भी शामिल है।