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सूर्यनाथ सिंह ने अपनी कहानियों को युवा मन को समझने के प्रयास में लिखी जाने वाली कहानियाँ कहा. |
कार्यक्रम के दौरान लेखक अभय कुमार दूबे, लेखक सूर्यनाथ सिंह, वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरुण माहेश्वरी, लेखक वीरेंद्र यादव उपस्थित थे।
वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरुण माहेश्वरी ने मंच का संचालन करते हुए मेले पर टिप्पणी करते स्मृतियों में उसको याद किया। सभी अतिथियों के बीच पुस्तक का लोकार्पण किया गया।
सूर्यनाथ सिंह ने इन कहानियों को युवा मन को समझने के प्रयास में लिखी जाने वाली कहानियाँ कहा।
प्रोफ़ेसर गोपेश्वर सिंह के अनुसार यह कहानी संग्रह लुप्त हो गई गाँवों की स्मृतियों को सामने रखता है। वीरेंद्र यादव के अनुसार यह कहानी संग्रह समाज की मूलभूत संरचनाओं को समझने में मदद करता है। वहीं अभय कुमार दुबे के अनुसार ग्राम केंद्रित लेखन अधिक चुनौतियों भरा है। वह मानते हैं कि वर्तमान भारतीय समाज समस्याओं का हल गाँवो में ही है। कई उत्साहित श्रोताओं ने अपने-अपने प्रश्न भी पूछे जिनका उत्तर उन्हें बड़ी सरलता से दिया गया।