समय पत्रिका का नया अंक अमेज़न, मैगज़टर और रीडव्हेर पर पढ़ा जा सकता है.
समय पत्रिका के इस अंक में अनिता पाध्ये की किताब की ख़ास चर्चा की गयी है जिसमें उन्होंने फिल्मों की निर्माण यात्रा की रोचक कहानियां हमारे सामने प्रस्तुत की हैं। किताब में दस ऐसी फिल्मों को जगह दी गई है जिन्हें लेखिका ने 'क्लासिक' माना है। उनके मुताबिक ये सर्वश्रेष्ठ हैं, लेकिन इन्हें शामिल करने के लिए उन्हें कई ऐसी बेहतरीन फिल्मों को अपनी सूची से बाहर करना पड़ा जो भी अपने जमाने की सुपरहिट रहीं। इस पुस्तक में जिन फिल्मों पर गंभीर चर्चा की गई हैं वह हैं -'दो बीघा ज़मीन', 'प्यासा', 'दो आँखें बारह हाथ', 'मदर इंडिया', 'मुग़ल-ए-आज़म', 'गाइड', 'तीसरी क़सम', 'आनंद', ' पाकीज़ा', और 'उमराव जान'।
इस बार आप पढ़ेंगे नाइकी के संस्थापक फिल नाइट के सफलता हासिल करने के दौरान आने वाली चुनौतियों से पार पाने की एक प्रेरणादायक कहानी -’शू डोग।’ यह किताब उनके जीवन के उन पलों को भी कैद करती है जिसमें वे भावनात्मक रुप से भी खुद को अकेला पाते हैं। वे दुनिया को घूमकर उसे जानने की कोशिश करते हैं।
वाणी प्रकाशन से छपी अलका सरावगी की नई किताब 'कुलभूषण का नाम दर्ज कीजिए' हमें ठहरकर सोचने पर मजबूर करती है। यहाँ कुलभूषण जैन की ज़िंदगी के जरिये बंगाल के विभाजन और विस्थापन की कहानियाँ इस तरह बुनी गई हैं, जैसे किसी फिल्म की पटकथा हो। एक के बाद एक नई घटना, एक के बाद एक ट्विस्ट -रोचक और हैरान करने वाले दौर इस किताब में कभी नहीं थमते। साथ में पढ़ें अशोक कुमार पांडेय, प्रवीण झा और डॉ. अबरार मुल्तानी की किताबों की खास चर्चा।
समय पत्रिका यहाँ उपलब्ध है -
Amazon : https://amzn.to/3mJwZHp
Magzter : https://www.magzter.com/IN/Samay-Patrika/Samay-Patrika/Fiction/All-Issues
ReadWhere : https://www.readwhere.com/read/2933236#page/1/1