पत्रकारिता जैसे गंभीर माने जाने वाले क्षेत्र में महिलाओं का वर्चस्व तेजी से बढ़ रहा है.
वाणी प्रकाशन ग्रुप द्वारा प्रकाशित संगीता अग्रवाल की पुस्तक ‘मीडिया में महिलाओं की भूमिका’ का लोकार्पण दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष माननीय रामनिवास गोयल द्वारा विधानसभा सभागार में किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा, “समाज के उत्थान में महिलाओं की भूमिका अहम है पुरुष व महिला एक दूसरे के पूरक हैं प्रतिद्वंद्वी नहीं”।
लेखिका संगीता अग्रवाल ने कहा, “पुस्तक लिखने की प्रेरणा मुझे अपने दादा जी से मिली मेरे आदर्श मेरे पिता जी और मेरे दादा जी रहे हैं।”
कार्यक्रम में मुख्य रूप से राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित भारती तनेजा, समाजसेवी नानकचन्द्र अग्रवाल और वाणी प्रकाशन ग्रुप की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल मौजूद थे।
प्रकाशक अदिति माहेश्वरी-गोयल ने पुस्तक के बारे मे कहा कि यह पुस्तक उन सभी महिला मीडियाकर्मियों के अनगिनत संघर्षों और एहसासों को सामने लाती है जो अभी तक चकाचौंध भरी ग्लैमरस दुनिया के पीछे छिपे थे। इन सभी महिलाओं ने समाज की उन परतों को खोला है जो कहीं न कहीं वर्चस्वधारी सामाजिक आईने के सामने नहीं आतीं।
भारती तनेजा ने कहा कि अपने लिए एक लक्ष्य बनाएँ और उस पर पूरी ईमानदारी, लगन और मेहनत से काम करें तभी लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार राखी बख्शी ने कहा कि पुरुष प्रधान समाज से पुरुषों को आगे आकर महिलाओं को सहयोग देना चाहिए।
किताब यहां उपलब्ध है : https://amzn.to/3vEwX9pमीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है। लोकतंत्र के सबसे शक्तिशIली और प्रभावी हथियार मीडिया का विस्तार तेजी से हो रहा है। सूत्रों को क्रमबद्ध तरीके से जोड़कर घटना की सत्यता से रूबरू कराना पत्रकार का धर्म है। पत्रकार की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उसकी खबर ने कितने लोगों को सोचने पर मजबूर किया।
आज के समय में पत्रकारिता की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। विश्व के किसी भी कोने में घटित होने वाली कोई भी घटना तत्काल लोगों तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंच रही है। यह पत्रकारिता की व्यापकता का प्रभाव है।
लेखिका इस पुस्तक के माध्यम से पत्रकारिता में रुचि रखने वाली नयी पीढ़ी की महिला पत्रकारों समझाना चाहती हैं कि मीडिया केवल ग्लैमर की दुनिया नहीं है जहां रातों रात आप फेमस हो जाएंगे बल्कि पत्रकारिता वर्षों के अथक परिश्रम, लक्ष्य और बिना किसी समझौते के निरंतर काम करने का क्षेत्र है।
एक समय था जब मीडिया पुरुष प्रधान व्यवसाय माना जाता था। लेकिन पिछले लगभग दो दशकों में मीडिया के क्षेत्र में महिलाओं ने विभिन्न प्रकार से अपनी सुदृ़ढ़ दस्तक दी है। पत्रकारिता जैसे गंभीर माने जाने वाले क्षेत्र में महिलाओं का वर्चस्व तेजी से बढ़ रहा है।
‘मीडिया में महिलाओं की भूमिका’ पुस्तक में संगीता अग्रवाल ने 20 ख्यातिलब्ध महिला पत्रकारों की कहानी उनकी जुबानी प्रस्तुत की है। महिला पत्रकारों के खट्टे-मीठे अनुभव, उनकी पीड़ा, उनके संघर्ष, काम के दौरान आने वाली चुनौतियां और मानवीय संवेदनाओं को लेखिका ने आत्मसात कर बड़े सहज तरीके से उकेरा है।