निराला सभागार, इलाहबाद विश्वविद्यालय में वाणी प्रकाशन ग्रुप की ओर से पाँच दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह प्रदर्शनी 25 से 29 अक्टूबर तक चलेगी। सोमवार को एक उद्घाटन समारोह का आयोजन हुआ जिसमें तमाम विद्वान वक्ताओं ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अधिष्ठाता महाविद्यालय विकास प्रो. पंकज कुमार थे। उन्होंने कहा, 'इलाहाबाद का पाठक किताबों के साथ सिर्फ सेल्फी नहीं लेता बल्कि किताबों को पढ़ता है। पढ़ना एक बहुत अच्छी आदत है। व्यक्ति को महीने में एक किताब आवश्य पढ़ना चाहिए। इसे नियम पूर्वक करें।' उन्होंने इलाहाबाद और दिल्ली के पाठकों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया।
वरिष्ठ कथाकार कीर्ति कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा, 'यद्यपि आज के समय में टी. वी. और मोबाइल ने काफी कुछ पुस्तकों से उनकी उपयोगिता छीन ली है परन्तु पुस्तकों की उपयोगिता कभी खत्म नहीं होगी। किताबें पढ़ना भी एक नशा है और जिसको यह नशा लग गया वह विद्वान बन जाता है।'
धनंजय चोपड़ा ने कहा, 'इस निराला सभागार में पाठकों से मिलने के लिए पुस्तकें आयी हैं हम सभी को इनका स्वागत करना चाहिए। जब नींद न आये तो पुस्तकें पढ़ना चाहिए। पुस्तक व्यक्ति के सिराहने अवश्य रहनी चाहिए।'
डॉ. चितरंजन सिंह ने कहा, 'व्यक्तिगत और सामुहिक चेतना में किताबें पढ़ने और समझने का भाव होना चाहिए। यदि पुस्तकों को पढ़ने वाले कम हो रहे हैं तो उसको सुधारने की जिम्मेदारी किस पर है? निश्चय ही यह जिम्मेदारी अध्यापकों को उठानी चाहिए। विचार केंद्रित दुनिया कम होती जा रही है। उसका स्थान मनोरंजन केंद्रित दुनिया ने ले लिया है।'
'प्रो. संतोष भदौरिया ने वाणी प्रकाशन की पुस्तक प्रदर्शनी की भूरि - भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में महिला प्रकाशक बहुत कम हैं।
वाणी प्रकाशन की निदेशक अदिति माहेश्वरी ने बहुत कुशलतापूर्वक वाणी प्रकाशन का संचालन कार्य सम्भाला है। उन्होंने कहा कि किताबें आप को बौद्धिक बनाती है। वह आप को सत्ता का चाटुकार न बनाकर आप को सुदृढ़ बनाती हैं। किताबें हमारी इतिहास चेतना का निर्माण करती हैं।
अंत में निदेशक अदिति माहेश्वरी गोयल ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि किताबें जब से पाठक से मिलती हैं तब किसी को उनके बीच में नहीं आना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमरजीत राम ने किया।
कार्यक्रम में प्रो. हर्ष कुमार, प्रो. आनंद शंकर सिंह, प्रवीण शेखर, प्रेमचंद करमपुरी, शोधार्थी कुलदीप कुमार गौतम, संगम लाल आदि उपस्थित थे।