समय पत्रिका का जनवरी अंक (2022)

समय पत्रिका का जनवरी अंक (2022)

समय पत्रिका के इस अंक में पढ़िए अमित श्रीवास्तव 'अमीक़' की नई पुस्तक 'फ़ुर्क़त के दिन रात' की खास बातें। 'इसके हर सफ़्हे पर कोई न कोई शेर ऐसा है जो ज़ुबान पर आकर बैठने की क़ुव्वत रखता है। वह गुनगुनाने को मजबूर करता है। और फिर पूरी किताब को पढ़ने के लिए कहता है।'

जॉन एलिया पर कुमार विश्वास के संपादन में 'लेकिन' शीर्षक से एक पुस्तक प्रकाशित हुई है। कुमार विश्वास लिखते हैं,'वाक़ई ‘जॉन’ एक व्यक्ति नहीं बल्कि वक़्त के गिरते-टूटते रंगमहलों की हलचलों के बीच शायरी के सुरूर में ख़ामोश बैठे एक आदमी की निजी हालत है जो अपने आप को व्यक्त कर देने की बेचैनी के मुकम्मल तरीक़े के कारण हमारे वक़्त की शायरी का एक ख़ूबसूरत मुहावरा बन गया है।'

'ऑपरेशन खुकरी’ पुस्तक की खास चर्चा की गई है। यह भारतीय सेना के सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय अभियानों में से एक था। यह पुस्तक मेजर राजपाल पुनिया के प्रत्यक्ष अनुभवों की रोचक एवं सजीव प्रस्तुति है। मेजर पुनिया ने तीन महीने के गतिरोध और विफल कूटनीति के बाद इस अभियान को अंजाम दिया, और इस दौरान घात लगाकर बैठे आर.यू.एफ. से दो बार लंबा जंगल-युद्ध करने के बाद भी वे बिना नुकसान सभी 233 सैनिकों के साथ सुरक्षित लौट आए।

पढ़ें अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के जापानी अधिग्रहण की कहानी को बयान करती एक खास किताब—'काले पानी की कलंक कथा।' लेखक के अनुसार,'हम इतिहास पढ़ते हैं, परंतु इससे सीख नहीं लेते। युद्ध, शत्रुता तथा अत्याचार मानव विनाश के स्वनिर्मित कारण हैं और युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं हैं।'

साथ में नई किताबों की चर्चा।

समय पत्रिका यहाँ उपलब्ध है -

Amazon : https://amzn.to/3uuhtVD

Magzter : https://www.magzter.com/IN/Samay-Patrika/Samay-Patrika/Fiction/All-Issues