समय पत्रिका मार्च अंक (2022)

समय पत्रिका मार्च अंक (2022)

इस अंक में पढ़िए सच्ची घटनाओं पर आधारित उपन्यास 'पुलवामा अटैक' की खास बातें। इसकी खास बात है कि यह पुस्तक पाठक को सीधे दोस्तों, दुश्मनों, खून, बंदूकों और जीत की वास्तविक दुनिया में ले जाएगी। अशोक कुमार पांडेय की सावरकर पर लिखी किताब पिछले दिनों खूब चर्चा में रही है। यह किताब एक सावरकर से दूसरे सावरकर की तलाश की एक शोध-सिद्ध कोशिश बताई जा रही है। 

प्रभात प्रकाशन ने अरब देशों के बारे में महात्मा गांधी की सोच पर आधारित एक पुस्तक 'गांधी और इस्लाम' को प्रकाशित किया है। इसके लेखक हैं अब्दुलनबी अलशोला।  मृणाल पांडेय ने 'माया ने घुमायो' में कथाओं को लिखा है। पुस्तक के आवरण पर लिखा है —'बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथाएँ।' वहीं धीरा खंडेलवाल की कविताओं की पुस्तक 'फिर से ज़िंदगी' एक बेहद खूबसूरत संकलन है जिसमें गर्जन है और न ही सूक्तियाँ बल्कि एक सहृदय इनसान की उक्तियाँ हैं, जो आत्मा से चलकर आत्मा में ही लीन हो जाती हैं।

रमानाथ राय की कहानियों का एक संकलन हिंदी में भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित हुआ है। उनकी कहानियों में कल्पना और यथा​र्थ, स्वप्न और जागरण, मिथ और इतिहास का अद्भुत सम्मिश्रण देखने को मिलता है, जिसके माध्यम से आज के संश्लिष्ट जीवन को उकेरा गया है। किशोर मकवाणा की पुस्तक 'स्वामी विवेकानन्द का युवा जागरण' का एक खास अंश पढ़ें।

साथ में ऋषि राज की चर्चित पुस्तक 'कारगिल : एक यात्री की ज़ुबानी' में लेखक कहते हैं—'शहीदों ने भी जब देश पर जान कुरबान की होगी तो उन्होंने सोचा ही होगा कि हमारे देशवासी हमारी स्मृति, हमारी सोच एवं हमारी वैभवपूर्ण विरासत को जीवित रखेंगे और यही सोच हमारी युवा पीढ़ी को देश की सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी।'

समय पत्रिका में हर बार की तरह होगी नई किताबों की चर्चा।

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