युवा शायरा प्रिया मलिक का पहला कविता संग्रह फ़रवरी 2023 में प्रकाश्य

प्रिया मलिक का पहला कविता संग्रह

वाणी प्रकाशन ग्रुप के उपक्रम ‘युवा वाणी’ से अभिनेता व युवा लेखिका प्रिया मलिक का पहला कविता संग्रह 'इश्क़ के सात पड़ाव’ जल्द प्रकाशित होने जा रहा है। 2019 में 1999 ढूँढ़ते हुए, प्यार और इश्क़ का फ़र्क़ समझाते हुए, प्रिया की कविता आधुनिक लेखनी के युग में एक नयी लहर लेकर आयी हैं।

देहरादून में जन्मी प्रिया मलिक बचपन से साहित्य और स्टेज से जुड़ी हुई हैं, अंग्रेज़ी साहित्य की यह भारतीय शिक्षिका, दस साल बाद ऑस्ट्रेलिया को हमेशा के लिए छोड़ कर, भारत वापस आयीं और 2017 में उन्होंने अपनी कविताएँ स्टेज पर प्रस्तुत करना शुरू कर दिया। यूट्यूब के जरिये उनकी कविताएँ जल्द ही हिन्दी काव्य क्षेत्र में प्रसिद्ध हो गयीं और कई टीवी चैनल्स एवं साहित्य समारोह में यह आमन्त्रित होने लगीं। जश्न-ए-रेख़्ता और साहित्य आज तक जैसे कार्यक्रमों में प्रिया ने सभी को प्यार नहीं, इश्क़ के जज़्बे से लुभाया और युवा पीढ़ी के लेखकों के लिए प्रेरणा बन गयीं।

प्रिया की कविताएँ हिन्दी, अंग्रेज़ी और उर्दू का वो ख़ूबसूरत मिश्रण हैं जो युवा पीढ़ी का रुझान वापस कविताओं की तरफ़ लेकर आने में सफल हुआ है। पिछले कुछ सालों में उन्होंने राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर टीवी एवं फ़िल्मों में काम किया है और कई नामचीन ब्रांड्स के लिए कविताएँ भी लिखी है। यह प्रिया मलिक की पहली किताब है, लेकिन यह तो बस एक शुरुआत है, क्योंकि इश्क़ के सात पड़ाव है, इश्क़ के सात पड़ाव है। प्रिया मलिक का पहला कविता संग्रह युवा पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत साबित होगा।

'युवा वाणी' 35 सालों से सँयोजी जा रही वाणी प्रकाशन ग्रुप की उत्कृष्ट पद्धति है जिसमें हिन्दी के समकालीन युवा हस्ताक्षरों को प्रकाशित किया जाता है। '80 के दशक में अरुण कमल, '90 में उदय प्रकाश, अनामिका, 2000 में प्रभात रंजन, गीताश्री इत्यादि युवा वाणी के ब्रांड अम्बेसडर रहे हैं। नयी सदी के दूसरे दशक में हिन्दी एक वैश्विक भाषा के रूप में स्थापित हो चुकी है। युवा लेखक, इतिहासकार, आलोचक, ग्राफ़िक नॉवेलिस्ट, कवि, शायर और गीतकार जिनकी लेखनी लोकल यानी आंचलिक तत्त्वों से भरपूर है और साथ ही ग्लोबल मुद्दों को अपनी ज़मीन से जोड़ती है -युवा वाणी के तहत प्रकाशित किये जा रहे हैं।

21वीं सदी में हिन्दी कविता ने सोशल मीडिया पर अपना परचम चमकाया है। युवा पाठकों को युवा रचनाकार बनाने का एक सुनहरा मौक़ा सोशल मीडिया द्वारा तैयार किया गया है। इस यात्रा में पहली बार हो रहा है कि ‘माइक से किताब’ को आन्दोलन का रूप देकर नायाब पुस्तकें प्रकाशित की जा रही हैं। इसी श्रृंखला में पहले दीपक रमोला का काव्य संकलन ‘इतना तो मैं समझ गया हूँ’ प्रकाशित किया जा चुका है जिसके दो संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। अब प्रिया मलिक की पुस्तक युवा पाठकों तक पहुँचनेके लिये तैयार है। इश्क़ के महीने फ़रवरी 2023 में पुस्तक प्रकाशित होगी।