विश्व पुस्तक मेले में वाणी प्रकाशन ग्रुप अपनी नयी पुस्तकों के साथ उपस्थित है

वाणी प्रकाशन ग्रुप अपनी नयी पुस्तकों के साथ उपस्थित है

25 फ़रवरी 2023 से 5 मार्च 2023 तक नयी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने जा रहे विश्व पुस्तक मेले में वाणी प्रकाशन ग्रुप अपनी नयी एक सौ पच्चीस से अधिक पुस्तकों के साथ पाठकों के समक्ष उपस्थित है। वाणी प्रकाशन ग्रुप के प्रबन्ध निदेशक अरुण माहेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुस्तक मेले में हर वर्ग के पाठकों के लिए पुस्तकें उपलब्ध हैं। वाणी प्रकाशन ग्रुप से प्रकाशित 15 हज़ार से अधिक विविध विधाओं की पुस्तकें स्टॉल पर प्रदर्शित की जायेंगी। दो वर्षों के बाद लग रहे विश्व पुस्तक मेले को लेकर वाणी प्रकाशन ग्रुप की टीम बहुत उत्साह के साथ लेखक और पाठकों का स्वागत करने के लिए तैयार है। हिन्दी के मूर्धन्य और कालजयी साहित्यकार निर्मल वर्मा, धर्मवीर भारती, इस्मत चुगताई, मंटो, क़ुर्रतुल ऐन हैदर, मनोहरश्याम जोशी, राजेन्द्र यादव, हरिशंकर परसाई, श्यामाचरण दुबे, अशोक वाजपेयी, शरद जोशी, शिवप्रसाद सिंह, महाश्वेता देवी, नागार्जुन, विद्यानिवास मिश्र, नरेन्द्र कोहली, फणीश्वरनाथ रेणु, ममता कालिया, रामविलास शर्मा, रामदरश मिश्र, नामवर सिंह, मैनेजर पाण्डेय, सुधीश पचौरी, विजय तेडुलकर, विजयदान देथा, दिलीप सिंह, कृष्णनाथ, हबीब तनवीर, बशीर बद्र, गुलज़ार, मुन्नवर राणा, निदा फ़ाज़ली, इनके साथ-साथ समकालीन और युवा लेखकों की भी पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी।

‘भारतीय ज्ञानपीठ’ के प्रकाशनों का वाणी प्रकाशन ग्रुप में समाहित होना

वर्ष 2022 में वाणी प्रकाशन ग्रुप ने 1944 में स्थापित भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित प्रकाशन ग्रुप 'भारतीय ज्ञानपीठ' के प्रकाशन कार्यक्रम को अपने ग्रुप में समाहित किया है। प्रकाशन जगत की एक महत्त्वपूर्ण घटना के रूप में इसे रेखांकित किया जा रहा है। पिछले 75 वर्षों में इस अधिग्रहण को हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास में आर्थिक और वैचारिक रुप से गम्भीर और विकासशील व्यापारिक निर्णय माना जा रहा है। इसके साथ, वाणी प्रकाशन ग्रुप अब हिन्दी का सबसे बड़ा और विश्वस्तरीय प्रकाशन समूह है। भारतीय ज्ञानपीठ के कालजयी व युवा लेखक विश्व पुस्तक मेले में वाणी प्रकाशन ग्रुप द्वारा आयोजित ‘साहित्य घर’ उत्सव में शामिल होंगे।

‘साहित्य घर’ में लगेगा विद्वानों का मेला

कोलकाता में एक माह पहले आयोजित हुए भारतीय भाषा परिषद के शेक्सपीयर सरणी पीआर केन्द्रित परिसर में वाणी प्रकाशन ग्रुप के पुस्तक केन्द्र ‘साहित्य घर’ के उद्घाटन के अवसर पर परिषद के निदेशक व वरिष्ठ आलोचक शंभुनाथ ने कहा था, “बाज़ार का सम्मान करते हुए बाज़ारवाद के ख़िलाफ़ भारतीय परम्परा की अविरल धारा के साथ चलने वाले वाणी प्रकाशन ग्रुप की इस साहित्यिक प्रतिबद्धता की सराहना की जानी चाहिए।” वाणी प्रकाशन ग्रुप के स्टॉल पर साहित्यिक गतिविधियों के लिए अलग से ‘साहित्य घर’ मंच पर नयी पुस्तकों के  लोकार्पण, परिचर्चा, लेखक से संवाद, कविता पाठ एवं अन्य कई गतिविधियों का संचालन किया जायेगा। नौ दिन चलने वाले इस मेले के दौरान 35 से अधिक परिचर्चा और संवाद कार्यक्रमों  का संचरण रहेगा।  इन कार्यक्रमों में ममता कालिया, शंभुनाथ, मृदुला गर्ग, रोहिणी अग्रवाल, अनामिका, श्योराज सिंह बेचैन, अलका सरावगी,  गरिमा श्रीवास्तव, संगीता गुंदेचा, रवीन्द्र त्रिपाठी, तजेन्द्र सिंह लूथरा, गोपेश्वर सिंह, वैभव सिंह, बोधिसत्व, मुकेश भारद्वाज, सुन्दर चन्द ठाकुर, अकु श्रीवास्तव, प्रताप सोमवंशी, सुधीर मिश्र, रूपा सिंह, हरियश राय, एस.आर. हरनोट, मृत्युंजय कुमार सिंह,  इक़बाल रिज़वी, फतेह सिंह भाटी, गीताश्री, जसिन्ता केरकेट्टा, रमा पाण्डेय, अरविन्द गौड़, संजय सिंह इत्यादि की उपस्थिति होगी। पुस्तक मेले में विशिष्ट अतिथि के रूप में फिल्म निर्देशक महेश भट्ट एवं लोकप्रिय कवि कुमार विश्वास उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही हिन्दी के सभी प्रतिष्ठित साहित्यकारों के आने की पूरी सम्भावना है।

‘वाणी पृथ्वी’ श्रृंखला

पुस्तक मेले के अवसर पर पर्यावरण के लिए स वाणी प्रकाशन ग्रुप के विशेष उपक्रम ‘वाणी पृथ्वी’ में पत्रकार संजय कबीर की जंगलकथा सीरीज़ की दूसरी पुस्तक ‘ओरांग उटानः बेघर, अनाथ और सेक्स ग़ुलाम’ पुस्तक मेले में पाठकों के समक्ष होगी। इंजीनियर और किसान अंकिता जैन की पुस्तक ‘ओह रे किसान’ का दूसरा संस्करण भी पुस्तक मेले में उपलब्ध होगा। साथ ही ‘वाणी पृथ्वी’ में प्रकाशित 20 से अधिक पुस्तकें मेले में उपलब्ध होंगी।  

‘सतरंगी वाणी’ LGBTQ+ समुदाय को समर्पित उपक्रम

एलजीबीटी+ समुदाय को समर्पित दो पुस्तकें इस विश्व पुस्तक मेले में आ रही हैं। ‘सतरंगी भाषा’ पुस्तक सभी जेंडर और यौन पहचान के लोगों को समर्पित है । यह पुस्तक एवियन वी. कम्पनी और वाणी प्रकाशन का सामूहिक प्रयास है। पुस्तक में जेंडर, लिंग और यौनिकता के लिए उपयोग की जाने वाली शब्दावली पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। साथ ही, किंशुक गुप्ता का कहानी संग्रह ‘दिल है कि चोर दरवाज़ा’ की कहानियाँ एलजीबीटी समुदाय को केन्द्र में रखकर लिखी गयी हैं। यह इक्कीसवीं सदी के किसी युवा गे  लेखक की पहली किताब मानी जा रही है। हिन्दी प्रकाशन उद्योग में ‘सतरंगी वाणी’ उपक्रम एक अनूठा प्रयास है जहाँ प्रेम के समान अधिकार को प्राथमिकता दी गयी है। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की पुस्तक भी इस उपक्रम में प्रकाशित हो चुकी है।

‘भारत के विश्व गुरु बनने में पुस्तकों का मूल योगदान’- अरुण माहेश्वरी

वाणी प्रकाशन ग्रुप के प्रबन्ध निदेशक अरुण माहेश्वरी ने कहा कि, “अपनी स्थापना के समय से ही श्रेष्ठ साहित्य का प्रकाशन वाणी प्रकाशन का ध्येय  रहा है। हमारा उद्देश्य है कि श्रेष्ठ साहित्य के माध्यम से संस्कृति की अविरल धारा का पुनः निर्माण कर सकें और सदा समय के साथ कदमताल बनाये रखें। हमारी कोशिश रहती है कि साहित्य के प्रतिष्ठित नामों के साथ-साथ नये लेखकों और उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक फैले लेखकों को हम प्रकाशित कर साहित्यिक परिदृश्य को उत्तरोतर और अधिक समृद्ध बना सकें।”

श्री माहेश्वरी ने कहा कि, “वाणी प्रकाशन ग्रुप पिछले 60 वर्षों से साहित्य की 32 से भी अधिक नवीनतम विधाओं में, बेहतरीन हिन्दी साहित्य का प्रकाशन कर रहा है। वाणी प्रकाशन ग्रुप ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑडियो प्रारूप में 6,000 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं तथा देश के 3,00,000 से भी अधिक गाँवों, 2,800 क़स्बों, 54 मुख्य नगरों और 12 मुख्य ऑनलाइन बुक स्टोरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। साथ ही, हिन्दी प्रकाशक होते हुए भी सभी भारतीय भाषाओं के अनुवादकों  को सम्मानित करने हेतु ‘वाणी फ़ाउंडेशन गण्यमान्य अनुवादक पुरस्कार’ जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल में प्रदान करते हैं । यह हमारे भारतीय भाषाओं के प्रति प्रेम और समर्पण को रेखांकित करता है। साथ ही, अब भारतीय ज्ञानपीठ की प्रतिष्ठित पुस्तकों  और सम्मानीय वरिष्ठ व युवा लेखकों का मैं वाणी प्रकाशन ग्रुप परिवार में सहृदय स्वागत करता हूँ।”

‘डिजिटल वाणी’

अब पाठक मेले में आ रही नयी किताबों की सूची QR Code पर प्राप्त कर पायेंगे । भारत के अमृत महोत्सव वर्ष में पुस्तकों को ई–बुक और ऑडिओ फॉर्मेट में प्रस्तुत किया जा रहा है । इसके अतिरिक्त वाणी प्रकाशन ग्रुप वाणी डिजिटल, वाणी बिज़नेस, वाणी बुक कम्पनी, वाणी पृथ्वी, नाइन बुक्स, वाणी प्रतियोगिता, युवा वाणी और गैर-लाभकारी संस्था वाणी फ़ाउण्डेशन के साथ प्रकाशन उद्योग में लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।